Hello दोस्तों! क्या आपको अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए मदद की तलाश है? अगर हां, तो हमारे Youtube channel "Book Brevity" पर स्वागत है। आज हम Jordan Peterson की '12 Rules for Life' किताब के बारे में बात करेंगे। यह किताब आपको न केवल विचारशीलता और मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि देगी, बल्कि आपको जीवन में सफलता की राह दिखाने के लिए आपको प्रेरित भी करेगी। तो चलिए इन सभी 12 rules को एक एक करके समझते है।
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12 Rules for Life by Jordan Peterson Book Summary in Hindi |
Rule 1: अपने सीधे कंधों के साथ खड़े हों
अपने सीधे कंधों के साथ खड़े होने का मतलब है दुनिया के लिए खुद को खोलना है। अपना सिर ऊपर, कंधे पीछे रखें और एक फौजी की तरह बहादुर महसूस करें।
Psychology ने लंबे समय से माना है, कि अच्छा posture मन की अच्छी position को बनाने में मदद करता है। अपने कंधों के साथ सीधे खड़े होना, अपने जीवन की जिम्मेदारी को स्वीकार करना है।
अच्छा posture actually में, हमें हमारी उस हिम्मत के साथ जीने में मदद करता है, जिसके साथ हम जीना चाहते हैं। Author कहते हैं, कि अच्छे character वाले लोगों का posture अक्सर अच्छा होता है और क्योकि character हमारे जीवन में बहुत जरूरी role निभाता है, इसलिए अभी से अच्छा posture बनाना शुरू करें। बिना वजह न झुकें, वही कहने की कोशिश करें जो आप सच में चाहते हैं।
Rule 2: अपने आप के साथ ऐसा व्यवहार करें, जैसे आप किसी की मदद करने के लिए जिम्मेदार हैं
Author इसमें हमें bible के law के बारे में बताते हैं कि “अपने पड़ोसी से अपने समान प्यार करो।” यह आदेश हमें दूसरों की देखभाल करने के लिए उतना ही जरूरी है, जितना कि अपनी देखभाल करने के लिए।
इसलिए हममें से कई लोग दूसरों की मदद करने में, खुद की मदद करने से कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं। जब अपनी जरूरतों की बात आती है, तो कई लोग काफी attentive हो जाते हैं। Studies से पता चलता है, कि 20% या 30% इलाज़ के नुस्खे कभी नहीं अपनाये जाते हैं और पुरानी बीमारी वाले लोगों को दी जाने वाली 50% दवा, doctor के बताने के according नहीं ली जाती है।
Author इस बारे में कहते हैं कि हम सभी respected lifestyle deserve करते हैं। आप बाकी लोगों के लिए जितने जरूरी हैं, उतने ही खुद के लिए भी है । इसलिए दूसरों के साथ साथ, आप अपना भी ख्याल रखें। क्योंकि यह आपकी moral responsibility है।
Rule 3: ऐसे लोगों से दोस्ती करें, जो आपके लिए अच्छा चाहते हैं
Author हमारी life में अच्छाई या बुराई के लिए ज़िम्मेदार दोस्ती की incredible शक्ति के बारे मे बताते हैं। अच्छे दोस्त होने का मतलब, सिर्फ उन लोगों से कहीं ज्यादा है, जिनके साथ हमें funny चीजें करने का मौका मिलता है। अच्छे दोस्त जरूरत पड़ने पर साथ देते हैं, encourage करते हैं, और यहां तक कि कई बार हमारा मज़ाक भी बनाते हैं, लेकिन अपने behavior से वो हमारा अच्छा करने की कोशिश ही करते हैं।
इस तरह अच्छे दोस्त वह लोग होते है, जो हमारी काबिलियत को और ज्यादा बेहतर बनाने में मदद करते हैं और हमें खुद का एक बेहतर version बनाने में मदद करते हैं।
कई लोग जाने अनजाने में लगातार गलत दोस्त बनाते रहते हैं, कभी-कभी, जब लोग अपनी खुद की value को कम मानते हैं, तो लोग ऐसे लोगों को दोस्त बना लेते हैं, जो दोस्ती नहीं सिर्फ मतलब निकलते है। जबकि इसके opposite, दोस्ती का असली मतलब मस्ती और सहारा है। इसलिए ensure करें, कि ऐसे लोगों के साथ ही दोस्ती रखें।
यह एक अच्छी बात है, और इसमें कोई भी selfish बात नहीं है, कि आप ऐसे लोगों को ही दोस्त बनाएं, जो आपके लिए अच्छे हैं, उनसे आपको कुछ सीखने को मिलता है। क्योंकि ऐसे दोस्त आपको कमज़ोर पड़ने पर बिखरने नहीं देंगे और आपको हमेशा आगे बढ़ते रहने मे मदद करेंगे।
Rule 4: खुद का comparison अपने बीते हुए कल से करें, न कि उससे को आप आज हैं
हमारी society और शिक्षा प्रणाली की वजह से हम में से कई लोग शुरू से ही अपने आप को दूसरों से compare करने की आदत बना लेते हैं। जब हम बहुत छोटे होते हैं, तो सफलता और असफलता के मामले में, अपने खुद के मानकों को जानने के लिए, हम अपने साथियों या competitors की तुलना करना शुरू कर देते हैं। इससे यह समस्या उत्पन्न होती है, कि दूसरों से comparison, हमें उनकी अच्छाई को देखने के लिए प्रेरित करता है, और इसलिए कई बार हम अपने आप को कमजोर मानने लगते हैं, इस तरह comparison हमें कमजोर बनाने लगता है।
Comparison तब बड़ी समस्या बनती है, जब आप यह सोचने लगते हैं, कि लोग आपसे बेहतर ही होंगे। वही अपने कल का comparison करने से, आप अपने आज बेहतर बनने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे असली फायदा भी आपको ही होता है। इसलिए किसी और से compare करने की बजाय, अपने आप से करें।
इसके लिए लेखक कुछ जरूरी तरीके बताते हैं, इन्हें अपनी जिंदगी में लागू करें:
1. अपनी strengths और weaknesses को पहचानें।
2. आज अपनी कल की कोई एक कमी को दूर करने और किसी एक अच्छाई को बढ़ाने पर ध्यान दें।
इससे आप अपने आप से comparison करना शुरू कर देंगे और आखिरकार, बेहतर बनते हुए, अपने goal की ओर बढ़ेंगे।
Rule 5: अपने बच्चों को कुछ भी ऐसा न करने दें जिससे आप उन्हें नापसंद करें
यह rule parenting के बारे में है। यह chapter इस किताब का सबसे चौंकानेवाला chapter है, क्योंकि इसमें author बहुत सी ऐसी बातें बताते हैं, जो आज North America में restricted हो गई हैं। Example के लिए, किसी भी माता-पिता को अपने बच्चे को शारीरिक चोट पहुंचाने से मना करते हैं, उन माँ को ऐसा करने से रोकते हैं जो अपने teenage बच्चे का अपमान करती हैं। वे अच्छी parenting के साथ-साथ बुरी parenting के बारे में भी बताते हैं। अच्छी parenting का मतलब है कि दोनों जीवनसाथी बच्चे की देखभाल करें और बुरी parenting में, कोई एक जीवनसाथी दूसरे जीवनसाथी पर बच्चे की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी डाल देता है। वे suggestion देते हैं कि ऐसे लोग अच्छी parenting करें ताकि society में सकारात्मक योगदान देने वाले लोगों की parenting, अच्छी तरह से हो सके। Author माता-पिता को अनुशासन बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि वे बच्चों को भी अच्छे तरह से अनुशासित व्यवहार करना सिखाएं। इसके अलावा, वे कहते हैं कि माता-पिता को दयालु और देखभाली करने वाला होना चाहिए। इसलिए सभी माता-पिता को इस बात को समझना चाहिए कि अगर आप अपने बच्चों को दूसरों के सामने अपमानित करेंगे, तो बाकी लोग भी उनसे वैसा ही व्यवहार करने की कोशिश करेंगे जो शायद आपको अच्छा नहीं लगे। इसलिए अपने बच्चों के सिर्फ माता-पिता बनने के साथ-साथ, अच्छे दोस्त और शिक्षक बनने की कोशिश करें।
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Rule 6: दुनिया की बुराई करने से पहले अपने घर को सही करें
Author इस chapter के माध्यम से बताते हैं कि "कुछ लोगों के लिए जीवन सच में बहुत मुश्किल है"। दुनिया में बहुत कुछ गड़बड़ है, लेकिन इसके साथ ही सारी चीजें ठीक भी हैं। Author बताते हैं कि सभी महान लोगों ने अपने आप को बेहतर बनाने और दुनिया को कुछ अच्छा देने की कोशिश की है, challenges के बावजूद, अपनी life को important बनाने के लिए, उन्हें पार करके अपने goal तक बढ़ने पर ध्यान दिया। इसलिए हमें भी उस तरह बनने के लिए, ऐसा ही करना चाहिए। इसके लिए इन जरूरी tips को अपनाएं:
1. अपने काम की जिम्मेदारी लें।
2. और अपनी destructive आदतों को supportive आदतों से बदल दें।
3. जो काम आपको गलत लगता है, उसे अभी से करना बंद कर दें और अच्छे काम को करें, चाहे वो छोटा सा अच्छा काम हो या बड़ा।
Rule 7: जो meaningful है उसे follow करें
इस chapter में author कहते हैं, कि दुख का सामना करने के लिए, हम अक्सर "ख़ुशी का रास्ता ढूंढ़ने" के लिए, सबसे आसान रास्ते की तलाश करते हैं, कई बार यह रास्ता सही होता है, लेकिन कई बार गलत। इसलिए ऐसी स्थितियों में वह करें, जो सही हो और जिसे करने से आपको अंदरूनी ख़ुशी, और संतोष का अहसास हो। इससे आप सही काम करते हुए, अपनी समस्या को हल कर सकेंगे। जीवन में ख़ुशी और किसी लक्ष्य तक पहुंचने का एक रास्ता है, बलिदान। बलिदान भविष्य को बेहतर बनाता है, इसलिए दूसरों की ख़ुशी और अपने लक्ष्य के लिए जरूरी बलिदान करने से घबराएं नहीं। क्योंकि भले ही सही चीज़ें शुरू में मुश्किल लगे, लेकिन वे जीवन को काफी खुशहाल और आसान बना देती हैं।
Rule 8: सच बोलें – या, कम से कम, झूठ ना बोलें
इस chapter में author अपने school के समय के clinical psychology की पढ़ाई की बात करते हैं, जब एक युवा रोगी ने उनसे एक सवाल पूछा, जिसका जवाब वह नहीं देना चाहते थे। क्योंकि उससे उस patient की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती थी। Author झूठ बोलना नहीं चाहते थे और सच बताने से patient दुखी हो सकता था, इसलिए उन्होंने एक तरीका सोचा और जितना सच जरूरी था उतना बता दिया, फिर उनकी अच्छाइयों के बारे में बात करने लगे, इससे patient को जवाब भी मिल गया और author ने सच्चाई के साथ अपनी बात भी कह दी। ज्यादातर लोग कई बार अपने आप से छोटे-छोटे झूठ बोलते हैं। और actual में, ज्यादातर समय, हम शायद यह महसूस भी नहीं करते या स्वीकार नहीं करते है कि हम ऐसा कर रहे हैं। लेकिन सबसे खराब झूठ वही होता है, जो हम अपने आप से कहें, लेकिन स्वीकार न करें। क्योंकि बेईमानी हमारे और दूसरों के लिए बहुत नुकसानदायक होती है। जब हम झूठ बोलते हैं, तो अनजाने में हम अपने character को कमजोर बना रहे होते हैं। इसलिए अपने character को मजबूत बनाने के लिए सबसे पहले सच को पहचानें, स्वीकार करें और बोलना शुरू करें। इसकी शुरुआत अपने आप से करें। क्योंकि हम किसी और की सुनने से ज्यादा, अपने आप की बातें सुनते हैं, अपने आप से बातें करते हैं, इसलिए झूठ कम-से-कम बोलें और कोशिश करें हमेशा सच बोलें।
Rule 9: मान लें कि जिस इंसान को आप सुन रहे हैं, वह कुछ ऐसा जानता है जो आप नहीं जानते
इस chapter में author actual बातचीत के बीच ज़रूरी अंतर के बारे में बताते हैं। अच्छी बातचीत वह होती है, जब आप दूसरे से बात करते समय two way conversation करें, expression को इस्तेमाल करें, और इसके साथ-साथ दूसरे इंसान को सुनने और समझने की भी कोशिश करें। किसी भी अच्छे रिश्ते को चलाने के लिए, दिल और व्यवहार से ईमानदार रहना जरूरी होता है, इसलिए अपनी बात को दूसरों के बीच valuable बनाने के लिए, इस तरीके को इस्तेमाल करें। इसके अलावा जैसा कि हम जानते हैं, कि हर किसी की एक अपनी सोच और नजरिया, purposes होते हैं, ऐसे में हमें उन्हें समझकर एक साथ आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में विचार करना चाहिए। ऐसा करके आप हर किसी से कुछ नया जान सकेंगे, सीख सकेंगे और दूसरों के साथ अच्छे relations बनाने में भी काफी मदद मिलेगी। ऐसे discussion जहां दोनों लोग बोलने और सुनने के लिए तैयार होते हैं, वहां वो अपने thoughts को अच्छे से एक दूसरे को बता सकते हैं। इसका मतलब अच्छी communication, अपनी बेहतर जिंदगी और दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की अच्छी technique है। शुरुआत बातो से ही होती है, इसलिए अगर आप किसी से खुल के बात कर सकते है, तो आप अपने thoughts, उन्हें अच्छे से समझा सकते है।
Rule 10: अपनी बातें में साफ़ रहें
इस chapter में author focus के साथ, अच्छे से communications करने के बारे में बताते हैं। हमारी perception और circumstances के बारे में, aware होने के लिए inspire करते हैं। हम किसी भी situation में, हर समय पूरी situation को शायद ही समझ पाएं , वास्तव में हम सिर्फ वही समझते है, जो अपनी senses से experience करते हैं। हम हमेशा अपने आस पास की चीज़ों और लोगों की value decide करने की कोशिश करते हैं। जब अच्छी situation में नहीं होते हैं, तो हमारी सबसे पसंद की चीज़ भी हमारे लिए कुछ मायने नहीं रखती है। लेकिन इसके बावजूद, हमें उम्मीद रखकर हर situation में कुछ possible ढूँढना चाहिए, क्योंकि negative conditions भी कई बार हमारी ज़िन्दगी में कुछ नया और अच्छा रास्ता बनाने के लिए एक अच्छा मौका साबित हो सकती हैं। इसलिए निराशा की situation का सामना करने पर, हमें negative चीज़ों को avoid करते हुए, positive और काम की चीज़ों पर focus करना चाहिए। इसलिए confident रहें और हर चीज़ का सामना करें।
Rule 11: Skateboating करते समय बच्चों को तंग ना करें
Peterson एक ऐसे शहर की कहानी के साथ इस subject पर बात करते हैं, जहां प्रशासन ने स्केटबोर्डिंग को नकारा और स्केटबोर्डर्स को स्थान से हटा दिया था। Peterson का मानना है कि किसी भी भेदभाव से किया गया कार्य हमारी समाज में समस्या पैदा कर सकता है। हर संस्कृति में निर्धारित नियमों का मकसद लोगों की सुरक्षा और भलाई के लिए होता है, इसलिए लिंग या जाति के आधार पर नियम नहीं बनाए जाने चाहिए। इसके बजाय, समानता के सिद्धांत पर आधारित नियमों को बनाना चाहिए, जो किसी की क्षमता को प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा, वह बताते हैं कि किसी की ताकत का अंदाजा बिना विचार किए नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि बिना मुकाबला किए हम नहीं जान सकते कि कोई कितना प्रभावशाली है और वह हमें कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है।
Rule 12: जब आप सड़क पर किसी बिल्ली से मिलते हैं, तो उसे पालें
रोजाना कम से कम 3 अच्छी चीजें करने का प्रयास करें। चाहे वो सड़क पर दिखी बिल्ली को खाना खिलाना हो, उसे पालना, ऑफिस में अपने स्टाफ का सहारा देना हो, या परिवार के सदस्य को खुश रखना हो। इससे आपको आंतरिक संतोष मिलेगा और इस प्रकार आप हर दिन में बेहतर बनेंगे।
Conclusion:
तो दोस्तों, "12 Rules for Life" किताब में हमने यह समझा कि हमारी छोटी से बड़ी चीजें हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं, जो हमें अच्छा और बुरा बनाती हैं। किताब की मदद से आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण उद्देश्यों और मतलब के बारे में जान चुके होंगे। अब इन 12 नियमों को अपनाकर, आप खुश रह सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं, अपनी सहायता कर सकते हैं। आपको किसी पर आधारित होने की आवश्यकता नहीं है, आप अपनी बात सबके सामने रख सकते हैं। अपने अच्छे और बुरे का निर्णय खुद ले सकते हैं। इसलिए, अपने जीवन की शुरुआत के लिए अपनी जीवन में इन 12 नियमों को शामिल करें।
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