The 80/20 Principle by Richard Koch Book Summary in Hindi

Hello Friends मैं एक बार फिर से आप के लिए अपने चैनल का एक नया वीडियो ले कर आया हूं। यह वीडियो Richard Koch की पुस्तक The 80/20 Principle पर आधारित है। लेखक ने इस किताब में बताया है कि हमारे 80% परिणाम हमारी 20% कोशिशों पर निर्भर करते हैं। 80/20 Principle कम खर्च में ज्यादा हासिल करने का एक रहस्य है। यह नियम कहता है कि 80% परिणामों का कारण केवल 20% कार्य होते हैं। दोस्तों अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि कारण और परिणाम का balance कभी बराबर नहीं होता। जैसे कि समाज में 80% गैर कानूनी काम केवल 20% लोग करते हैं। सड़क पर होने वाली 80% दुर्घटनाओं के लिए केवल 20% लोग जिम्मेदार होते हैं। आप जो गाड़ी चलाते हैं उसका इंजन केवल 20% ऊर्जा ही उपयोग करता है और 80% ऊर्जा इंधन को जलाने में खर्च हो जाती है।
The 80/20 Principle Book Summary in Hindi
The 80/20 Principle Book Summary in Hindi



दोस्तों मैं आपको उनकी इस पुस्तक मैं ऐसे 9 विचार बताऊंगा। तो चलिए शुरूआत करते हैं पहले विचार से।

Chapter 1: A minority of inputs lead to a majority of outputs

दोस्तों आप एक बार अपनी अलमारी में रखे हुए कपड़ों को देखिए। आप प्रत्येक कपड़े को देखें और सोचिए कि आप किसी एक कपड़े को महीने में कितनी बार पहनते हैं। आप देखेंगे कि आपकी अलमारी में कुछ ऐसे कपड़े होंगे जो आपको बहुत पसंद होंगे उन्हें आप बार बार पहनते हैं और कुछ कपड़े ऐसे भी होंगे जिन्हें आप एक या दो बार पहन कर दोबारा नहीं पहनते। कहने का मतलब यह है कि ऐसे बहुत कम कपड़े होते हैं जिन्हें आप ज्यादा पहनते हैं। आप की अलमारी में केवल 20% कपड़े ऐसे होते हैं जिन्हें आप ज्यादातर पहनते हैं।
अब आप अपनी फोन बुक में सेव किए हुए contacts को देखिए। उनमें से बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिन्हें आप ज्यादातर फोन करते हैं। कोई एक या दो लोग ऐसे होंगे जिनसे आप रोज़ बात करते हैं और ज्यादातर लोग ऐसे होंगे जिन्हें आप जरूरत पड़ने पर यहां कोई काम करने पर ही फोन करते हैं। आपका फोन पर बात करने का 80% समय केवल 20% लोगों से बात करने में ही लगता है। 80% लोगों को आप केवल जरूरत पड़ने पर ही फोन करते हैं।

Chapter 2: A minority of causes create a majority of effects

आप उन फैसलों के बारे में सोचिए जो आज तक आपने अपनी जिंदगी में लिए हैं। आप 1 दिन में सैकड़ों फैसले लेते हैं लेकिन उनमें से बहुत कम ऐसे फैसले होंगे जो important है और आप आज अपने जीवन में जहां भी हैं उन्हीं important फैसलों के कारण है। ऐसे important फैसले आपके कुल फैसलों में से केवल 20% ही होते हैं।
आप निवेश भी इसी तरह करते हैं। आप स्टॉक मार्केट में से जितना भी मुनाफा कमाते हैं, उनका कारण कुछ important फैसले होते हैं, जब आप सोच समझकर कुछ खास शेयर खरीदते या बेचते हैं। अगर आपको घाटा होता है तो वह सभी फैसलों के कारण नहीं आप के कुछ ही गलत फैसलों के कारण होता है। कहने का मतलब यह है कि आपकी 20% सही या गलत फैसले स्टॉक मार्केट में आपके 80% परिणामों को निर्धारित करते हैं। आपको स्टॉक मार्केट में अच्छे परिणाम पाने के लिए ज्यादा फैसले लेने की जरूरत नहीं है, आप कम फैसले लीजिए लेकिन सही फैसले लीजिए।

Chapter 3: A minority of efforts lead to a majority of results

दोस्तों आपने अभी तक अपने शिक्षा में और अपने कार्यक्षेत्र में जो भी मुकाम हासिल किए हैं, उन सभी के बारे में सोचिए। आपको अपना काम करने के लिए जिस कला की जरूरत होगी वह आपके ज्ञान का एक छोटा सा हिस्सा होगा लेकिन आप सबसे ज्यादा पैसे उसी कला के कारण कमाते हैं। आप अपने ऑफिस में जिन प्रोजेक्ट पर काम करते हैं उनके लिए आप बहुत से कार्य करते होंगे लेकिन उन प्रोजेक्ट की वैल्यू केवल कुछ खास कार्यों पर ही निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर आप एक सॉफ्टवेयर डेवलपर को देखिए। सॉफ्टवेयर डेवलपर पहले स्कूल की पढ़ाई करते हैं, फिर वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं, उसके बाद वह सॉफ्टवेयर की कोडिंग सीखते हैं। उनकी पूरी शिक्षा में से केवल सॉफ्टवेयर की कोडिंग ही उनके कार्य क्षेत्र में उनके काम आती है। इंडस्ट्री में नौकरी पाने के लिए स्कूल की शिक्षा और इंजीनियरिंग को अनिवार्य योग्यता रखा जाता है, लेकिन उनके काम की productकता और प्रदर्शन केवल उनके सॉफ्टवेयर की कोडिंग पर ही निर्भर करती है। सॉफ्टवेयर कोडिंग उनकी शिक्षा का केवल 20% हिस्सा है जिस पर उनकी 80% productकता निर्भर करती है।

Chapter 4: The Critical Few – identify and build upon the 20% of efforts that produce 80% of the results

दोस्तों अगर आप अपने आप को ज्यादा प्रभावशाली बनाना चाहते हैं तो केवल उन कार्यों पर ध्यान दे जो सबसे अधिक important है। दोस्तों आप कुछ भी कर रहे हो, चाहे आप कोई नौकरी कर रहे हो, या बिजनेस कर रहे हो अपने जीवनसाथी की तलाश कर रहे हो यहां किसी रिश्ते को सुधारने की कोशिश कर रहे हो , किसी भी कार्य में केवल कुछ ही बातें important होती हैं और 80% बातें ऐसी होती हैं जिनसे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आप ध्यान से देखेंगे कि कौन सी बातें किसी काम के लिए important है तो आप उस काम में बहुत कुशल और प्रभावशाली बन सकते हैं। ऐसा करने से आपका समय भी कम लगता है और पैसे भी, आपको थोड़ी सी कोशिश करने पर ही अच्छे परिणाम मिलते हैं। यू तो नौकरी का उदाहरण मैं आपको पहले ही बता चुका हूं। चलिए एक और उदाहरण लेते हैं जैसे कि अगर कोई व्यक्ति किसी रिश्ते को सुधारने की कोशिश कर रहा हो तो सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि उसका रिश्ता खराब क्यों है। ज्यादातर लोग अपना 80% ध्यान दूसरों की गलतियों पर देते हैं जिसके कारण उनके रिश्ते खराब हो जाते हैं। अगर आप अपना 20% ध्यान भी दूसरों की अच्छाइयों पर लगाएंगे तो निश्चित तौर पर ही आपके रिश्ते सुधर जाएंगे। आपके बिजनेस में भी 80% परिणाम आपके 20% कार्यों पर ही निर्भर करते हैं, इसलिए आपको सभी कार्यों पर ध्यान ना देकर अपना समय और ऊर्जा उन 20% कार्यों पर खर्च करने चाहिए।

Chapter 5: Most of what we do is low value – eliminate or reduce the 80% of efforts that produce poor results

किसी भी काम में अपने समय और साधनों को व्यर्थ करने के बहुत से तरीके होते हैं। आपके पास सीमित धन सीमित समय और सीमित ऊर्जा है, इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि आप अपना धन अपना समय और अपनी उर्जा को सावधानी से खर्च करें। इसलिए जो भी कार्य important नहीं है उसे अपनी लिस्ट से हटा दें या उसे important कार्यों को करने के बाद करें। दोस्तों इस सलाह को अमल में लाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन किसी भी कार्य में कम समय में अच्छे परिणाम पाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। दोस्तों हर एक ईमेल का जवाब देने का मतलब है अपने समय को व्यर्थ करना। किसी भी संस्था में कर्मचारी अपना 80% समय अनावश्यक कार्यों को करने में खर्च करते हैं और उनके 20 % कार्य ही संस्था की product निर्धारित करते हैं।
जब आप अपने जीवन में स्पष्ट फैसले लेंगे कि आपको क्या करना है और क्या नहीं, आप अपने समय और ऊर्जा को सही काम के लिए और सही जगह पर खर्च करेंगे। कुछ बुद्धिमान लोग एक “not-to-do” लिस्ट बनाते हैं जिसमें वह उन सभी कार्यों को लिखते है जिन्हें करना जरूरी नहीं है और जिन्हें करने से समय और ऊर्जा व्यर्थ होती हैं। यह फैसला करना बहुत आसान हो जाता है कि कौन से कार्य important है और कौन से नहीं। हमें कौन से कार्यों को सबसे पहले करना है और कौन से ऐसे कार्य हैं जिन्हें हम बाद में भी कर सकते हैं। अनावश्यक कार्यों को ना करना प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने का एक बहुत अच्छा तरीका है।

Chapter 6: In business, focus on the products and customers that make you the most money, and minimise or eliminate the rest

एक बिजनेस करने वाले व्यक्ति के लिए सभी ग्राहक एक जैसे नहीं होते। कुछ ग्राहक बहुत अच्छे होते हैं वह बड़े जोश में उत्साहित होकर वह सब कुछ करते हैं जो आप उन्हें ऑफर करते हैं। दूसरी और कुछ ग्राहक ऐसे होते हैं जो आप का प्रोडक्ट खरीद तो लेते हैं लेकिन उनसे कभी संतुष्ट नहीं होते। आप उन्हें कितना भी अच्छा प्रोडक्ट या सेवाएं दे लेकिन वह आपके product से या आप की सेवाओं से कभी संतुष्ट नहीं होंगे। वह आपसे और आपके कर्मचारियों से हमेशा शिकायतें करते रहेंगे, ऐसे ग्राहक आपसे हमेशा Special treatment की उम्मीद करेंगे।
दोस्तों लेखक ने हमें बिजनेस करने के लिए एक नियम बताया है। Richard Koch कहते हैं कि आप अपने अच्छे ग्राहकों को पहचानिए और उन्हें जितनी हो सके उतनी अच्छी सेवाएं दे। ऐसे ही ग्राहकों को लुभावने ऑफर और अच्छी सेवाएं देने के लिए आप जो कुछ कर सकते हैं वो करिए, क्योंकि ऐसे ग्राहकों के जरिए ही आपके बिजनेस के लिए नए ग्राहक आएंगे। ऐसे ग्राहक जब बाहर जाकर आपके बिजनेस के product और सेवाओं की तारीफ करते हैं तो वह आपके बिजनेस के लिए अच्छी मार्केटिंग करते हैं।
दूसरी और आप अपने खराब ग्राहकों को भी पहचानिए और उन पर अपना समय और ऊर्जा खर्च ना करें। ऐसे ग्राहकों पर ज्यादा ध्यान ना दें, क्योंकि ऐसा करने से केवल आपका कीमती समय बर्बाद होगा। अगर ऐसे ही कोई ग्राहक आपसे रिफंड मांगे तो उनके साथ झगड़ा करने से बेहतर है आप उन्हें रिफंड की राशि लौटा दे। ऐसा करने से आपका समय बचेगा और आप तनाव से भी बचे रहेंगे। खराब ग्राहकों को नजरअंदाज करने से आप अपना समय और ऊर्जा अच्छे ग्राहकों को दे पाएंगे, जो आपको आप के बिजनेस के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे।

Chapter 7: In life, focus on the activities that produce the majority of life satisfaction

80/20 Principle आपके जीवन में आपकी संतुष्टि पर भी लागू होता है। आप अपने जीवन में बहुत सारे लक्ष्य और बहुत सारी चीजे हासिल करना चाहते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही आपको खुशी और मन की शांति दे सकती हैं। आपको अपना समय और ऊर्जा उन्हीं चीजों पर खर्च करनी चाहिए जो आपको असली संतुष्टि प्रदान कर सकती हैं। जैसे कि अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ समय बिताना, नए नए लोगों से मिलना और उनके साथ बातचीत करना, खुद के ज्ञान को दूसरों के साथ बांटना और उन कार्यों को करना जिनमें आपकी दिलचस्पी है। दोस्तों यह तो केवल खुद की संतुष्टि के कुछ उदाहरण है, यह आपको खुद देखना है कि आपकी किन कार्यों में दिलचस्पी है और कौन से काम करने में आपको सबसे अधिक संतुष्टि मिलती है। अगर आप एक खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं तो आपको ज्यादा नहीं तो थोड़ा समय उन कार्यों को जरूर देना चाहिए जिनसे आप को संतुष्टि मिलती है।
एक शोध के मुताबिक रोज़ करने वाले कार्यों का आपके जीवन की ख़ुशियों और संतुष्टि में आपकी संपत्ति से ज्यादा महत्व होता है। दूसरी और आपको ऐसे कार्य नहीं करने चाहिए जिनसे आपको खुशी और संतुष्टि नहीं मिलती। जैसे कि लोगों को ज्यादा देर तक बस या ट्रेन में सफर करना पसंद नहीं होता। अगर आपको रोज ऑफिस जाने के लिए बस या ट्रेन से सफ़र करना पड़ता है तो आप अपना घर अपने ऑफिस के नजदीक शिफ्ट कर सकते हैं। इससे आपको रोज भीड़ से भरी बस या ट्रेन में सफ़र नहीं करना पड़ेगा और आपका समय भी बचेगा। अगर आपको ऑफिस के पास घर शिफ्ट करना महंगा भी पड़े तो भी यह एक सकारात्मक फैसला होगा क्योंकि जब आप रोज भीड़ में सफर नहीं करेंगे तो इसका आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव होगा।

Chapter 8: A minority of decisions will produce the majority of your results: choice of work, debts, investments, relationships

दोस्तों जीवन में आपको ऐसे बहुत से फैसले लेने पड़ते हैं जिन्हें लेते समय आपको बहुत-बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। जब आप पैसे कमाने के लिए कोई काम करते हैं, जब आप किसी से पैसे उधार लेते हैं, जब आप किसी से कोई समझौता करते हैं और जब आप शादी करते हैं। ये फैसले आपकी जिंदगी के important मोड़ होते हैं – आप एक ऐसी कमिटमेंट कर रहे होते हैं जिसे आप बाद में बदल नहीं सकते। आप अपना समय और ऊर्जा किस प्रकार खर्च करेंगे यह भी आपके जीवन के इन important फैसलों पर निर्भर करता है। आप कितने पैसे कमाते हैं, जीवन में आपकी प्राथमिकताएं क्या है और जीवन में आप को मिलने वाली संतुष्टि इन important फैसलों पर निर्भर करते है। जीवन में इन फैसलों को लेते हुए आपको पूरा समय लेना चाहिए और अपने आप को सही जगह पर रखकर ही यह फैसले लेने चाहिए ताकि आप बिल्कुल सही फैसले ले सके, क्योंकि अगर जल्दबाजी में आपने कोई भी गलत फैसला ले लिया तो उसे बदलना बहुत मुश्किल हो सकता है। उदाहरण के तौर पर घर खरीदना किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक बहुत बड़ा आर्थिक फैसला होता है, इसलिए अगर आप भी घर खरीदना चाहते हैं तो जल्दबाजी में कभी फैसला ना ले। घर खरीदने से पहले आपको घर के बारे में पूरी जांच पड़ताल करनी चाहिए, अपना आर्थिक बजट देखना चाहिए, और अगर आप बैंक से लोन लेकर घर खरीद रहे हैं तो लोन के लिए भी पूरा समय लगाकर जांच पड़ताल करनी चाहिए, जिससे कि आपको कम से कम ब्याज दर पर लोन मिल जाए। आपको यह देखना होगा कि आप को कम ब्याज दर पर लोन कहां से मिलेगा क्योंकि अगर आप 1% कम ब्याज दर पर लोन लेते हैं तो 30 साल के लोन में आपको ब्याज में हजारों और लाखों रुपए का फायदा हो सकता है।

Chapter 9: More effort does not equal more reward – focus only on what is crucial, and ignore the rest

सबसे मुख्य और सबसे important बात यह है आपको आपकी कोशिशों का इनाम नहीं मिलता। लोग इस बात की परवाह नहीं करते कि आपने किसी कार्य को करने में कितनी मेहनत की है और कितना समय लगाया है। आपके ऊपर वाले लोग केवल यह देखते हैं कि जो काम आपने किया है वह कितना important है। जैसे कि आपका बॉस हमेशा यह देखेगा कि आपके द्वारा किया गया काम उसके बिज़नेस के लिए कितना important है। अगर आप अपने जीवन के 30 साल रेगिस्तान में गड्ढा खोदने में लगाएंगे तो कोई आप पर ध्यान नहीं देगा, दूसरी और अपने जीवन के वही 30 साल अगर आप किसी बीमारी का इलाज ढूंढने में लगाएंगे तो आपके काम को सराहा जाएगा और important समझा जाएगा। आप जीवन में जो भी काम करने का फैसला करते हैं, शुरू में थोड़ा समय उस काम पर रिसर्च करने में लगाएं। जब आप जीवन में कोई भी लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो आपको यह पता लगाना होगा कि कौन से कार्य करने से आप अपने लक्ष्य को जल्दी प्राप्त करेंगे और कौन से कार्य करने से आपका समय और ऊर्जा बर्बाद होंगे। आपको अपने लिए दो तरह की लिस्ट बनानी चाहिए। पहली लिस्ट का नाम रखिए “focus-on” लिस्ट – इस लिस्ट में आप उन सभी कार्यों के बारे में लिखिए जो आपके लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए important है, आपको सबसे अधिक ध्यान इन्हीं कार्यों को देना है। आपको एक और लिस्ट बनानी होगी जिसका नाम आप रखेंगे “Not-To-Do” लिस्ट – इस लिस्ट में आपको उन सभी कार्यों के बारे में लिखना है जो आपके लक्ष्य के लिए important नहीं है और जिन्हें करने से केवल समय और ऊर्जा व्यर्थ होते हैं। आपको अपना ध्यान उन्हीं कार्यों पर लगाना है और अपना समय और ऊर्जा उन्हीं कार्य पर खर्च करने हैं जिन्हें आपने “focus-on” लिस्ट मे लिखा है। आपको “Not-To-Do” लिस्ट में लिखे हुए कार्यों पर ध्यान नहीं देना है। जब आप कोई लक्ष्य निर्धारित करेंगे और उसके लिए यह दो सूचियां बनाएंगे तो आप स्पष्ट होंगे कि आपको कौन से कार्य करने हैं और कौन से नहीं। ऐसा करने से लंबे समय में आप के समय, धन और आपकी उर्जा की बड़े स्तर पर बचत होगी।

चलिए दोस्तों अब मैं आपको 80/20 principle के कुछ उदाहरण बताता हूं।
1- दुनिया की 80% दौलत (Wealth) केवल 20% लोगों के पास है जबकि 20% दौलत 80% लोगों के पास है।
2- आप अपने 20% कपड़े 80% टाइम तक पहनते हो जबकि 80% कपड़े आप 20% समय तक पहनते हो।
3- आपके Mobile में जितने भी contacts हैं, उनमे से 20% contacts के लिए आप 80% call करते हो जबकि 80% contacts के लिए आप 20% call करते हो।
4- आपके 20% दोस्त या रिलेशन ही आपको 80% खुशी (Happiness) देते हैं जबकि 80% दोस्त या रिलेशन आपको 20% खुशी देते हैं।
5- केवल 20% सड़कों पर ही 80% ट्रैफिक होती है और 20% ट्रैफिक 80% सड़कों पर होती है।
6- हमें 80% मिनरल और खाद्य पदार्थ केवल 20% जमीन से मिलते हैं और 80% जमीन से केवल 20% मिनरल्स और खाद्यपदार्थ मिलते हैं।
7- केवल 20% लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तकें 80% बिकती हैं, और 80% लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तकें केवल 20% बिकती हैं।
8- केवल 20% Article ही 80% समय में पढ़े जाते हैं और 80% ब्लॉग्स को केवल 20% समय में पढ़ते हैं।

दोस्तों यहां जो 20 प्रतिशत और 80% की बात हो रही है यह आंकड़े थोड़ा ऊपर नीचे भी हो सकते हैं। यहां 20% का मतलब है बहुत कम संख्या में और 80% का मतलब है बहुत अधिक संख्या में।
दोस्तों इस प्रिंसिपल को Pareto Principle भी कहते हैं। चलिए अब बात करते हैं कि इस प्रिंसिपल को आप अपने जीवन में किस तरह Apply कर सकते हैं। किस तरह आप इस प्रिंसिपल का उपयोग करके अपने आप को ज्यादा प्रभावशाली और कामयाब बना सकते हैं।
सबसे पहले आपको एक लिस्ट तैयार करनी है जिसमें आप लिखेंगे कि आप दिनभर क्या काम करते हैं और उन कार्यों को आप कितना समय देते हैं। आपको 7 दिन तक रोज एक लिस्ट बनानी है और सप्ताह के अंत तक आपके पास पूरे सप्ताह की लिस्ट तैयार हो जाएगी।
जब आप पूरे हफ्ते की लिस्ट को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि आपके 80% कार्य आपको केवल 20% अच्छे परिणाम दे रहे हैं।अब आपको इन 80% कार्यों को अपनी दिनचर्या (Daily life) से कम करते जाना है और उन 20% कार्यों को खोजकर बढ़ाते जाना है जिनसे आपको 80% अच्छे परिणाम मिल रहे होते हैं।
अर्थात जो कार्य आपके time को waste कर रहे हैं, उनको करना आपको छोड़ देना चाहिए और जो कार्य आपके टाइम को useful बना रहे हैं, इस तरह के कार्यों को दिनभर में आपको अधिक से अधिक करना चाहिए।
दोस्तों Pareto के इस नियम को आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए देखते है कि आप किस तरह और किस क्षेत्र में इस नियम को इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आप बिजनेस करते हैं तो इस नियम का इस्तेमाल आप अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। अच्छे बिजनेसमैन इस नियम को जानते हैं और इसका इस्तेमाल अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए करते हैं। आपको अपने बिजनेस की उन गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान देना है जिनसे आप के बिजनेस को फायदा होता है और मुनाफा मिलता है। जैसे कि सेल्स एंड मार्केटिंग के कार्यों पर ज्यादा ध्यान दें। अपने product और सेवाओं की क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान दें। अपने ग्राहकों के उस सेगमेंट पर ज्यादा ध्यान दें जो आप के product और सेवाओं को बार-बार खरीदते हैं और इस्तेमाल करते हैं। यह आपको देखना है कि आप के बिजनेस की कौन सी गतिविधियों से आप को सबसे अधिक फायदा होता है। आपको अपना समय और ऊर्जा उन्हीं गतिविधियों पर खर्च करने हैं।
अगर आप एक विद्यार्थी हैं तो अभी आप Pareto के इस प्रिंसिपल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप अपने पाठ्यक्रम को दो भागों में विभाजित कीजिए। पहले भाग में आप उन सभी Topics की लिस्ट बनाएं जिन पर पुराने Exams में सवाल आ चुके हैं। इसके लिए आप अपने टीचर से भी मदद ले सकते हैं, आप अपने टीचर से पूछिए कि उनके विषय के कौन से टॉपिक एग्जाम के लिए importantहै। आप एक या दो दिन का समय निकालकर हर विषय के लिए ऐसी एक लिस्ट तैयार करें। अगर आप के 6 विषय हैं तो 2 दिन में आपके पास 6 लिस्ट तैयार हो जानी चाहिए। अब जो लिस्ट आपने तैयार की है आपको केवल उन में लिखे हुए टॉपिक्स को भी एग्जाम्स के लिए तैयार करना है। इन सभी टॉपिक्स को अच्छी तरह तैयार करने के बाद आप थोड़ा बहुत उन टॉपिक्स को भी पढ़ सकते हैं जिनके एग्जाम में आने की थोड़ी बहुत उम्मीद है। दोस्तों इस तरह से आप सबसे importantटॉपिक्स को एग्जाम के लिए तैयार करते हैं और एग्जाम में केवल सफल ही नहीं होते बल्कि बहुत अच्छे अंको से सफल होते हैं। टॉप करने वाले विद्यार्थी Pareto के इस प्रिंसिपल को जानते हैं और उसका हमेशा इस्तेमाल करते हैं।
अगर आप इस नियम का उपयोग अपनी डेली रूटीन में करना चाहते हैं तो उन कार्यों पर ज्यादा ध्यान और समय दीजिए जिनमें आपको अच्छे परिणाम मिलते हैं। अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आपको उन्हीं कार्यों में अच्छे परिणाम मिलेंगे जिनमें आपकी दिलचस्पी अधिक होगी। जब किसी कार्य में आपकी दिलचस्पी होती है तो वह कार्य आपको किसी बोझ की तरह नहीं लगता आप उसे इंटरेस्ट से करते हैं और उसमें आपको अच्छे परिणाम मिलते हैं। उन सभी कार्यों की एक सूची बनाएँ जिनमें आपको दिलचस्पी है और जो आपको अच्छे परिणाम देते हैं।
अगर आप अच्छे रिश्ते बनाना चाहते हैं तो उन लोगों के साथ ज्यादा समय बिताएं जो आपको खुशी देते हैं और मुश्किल समय में भी आपका साथ देते हैं। अपना समय उन लोगों के लिए व्यर्थ ना करें जो आपको दुख देते हैं और मुश्किल समय में आपका साथ नहीं देते। जब आप ऐसे लोगों के साथ समय बिताएंगे जो आपको महत्व देते हैं और खुशी देते हैं तो उन के साथ आपका रिश्ता लंबे समय तक बना रहेगा। जो लोग आपको खुशी देते हैं वह जीवन भर आपके साथ अच्छे रिश्ते निभा सकते हैं।
अपने सामाजिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी आप इस नियम का उपयोग कर सकते हैं। आप उन लोगों के साथ ज्यादा समय बिताएं जिनके साथ आपके विचार मिलते हैं और जो आपको important समझते हैं। ऐसे लोगों के साथ दोस्ती बढ़ाएं जो मुश्किल समय में भी आपका साथ देते हैं। ऐसा करने से समाज में आपके रिश्ते अच्छे बनेंगे और आपका सामाजिक जीवन बेहतर होगा।
दोस्तों अब जरा मेरी बात ध्यान से सुनिए, 80/20 principle यह नहीं कहता कि आपको केवल 20% कार्य करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखिए कि अगर आप 20% कार्य करेंगे तो आपको परिणाम भी केवल 20% ही मिलेंगे। 80/20 principle कहता है कि हमें उन कार्यों को नहीं करना चाहिए जो importantनहीं है बल्कि केवल उन कार्यों को अपना समय देना चाहिए जिनसे हमें 80% परिणाम मिलते हैं। ऐसा करने से आपकी कार्य क्षमता बढ़ेगी और अगर आप बिजनेस करते हैं तो आपके बिजनेस की productivity बढ़ेगी।
तो दोस्तों देरी किस बात की है, मुझे उम्मीद है कि आप Pareto का यह 80/20 principle अच्छी तरह से समझ गए होंगे। आज ही कलम उठाइए और उन सभी कार्यों की सूची बनाइए जो आपके लिए important है और आपको 80% परिणाम देते हैं और इस नियम को अमल में लाना शुरू कीजिए। आप जैसे जैसे इस नियम का उपयोग करेंगे तो आप के कार्यों और परिणामों में निश्चित तौर पर सुधार आएगा।

Conclusion:

तो दोस्तों इसी के साथ हमारे चैनल का यह वीडियो समाप्त होता है। मुझे उम्मीद है कि आप सबको मेरा यह वीडियो पसंद आया होगा और आपने इससे बहुत कुछ सीखा होगा। अगर आपको मेरा यह वीडियो पसंद आया तो लाइक ज़रुर करें और आने वाले videos को देखने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें। मैं जल्दी ही आपके लिए अपने चैनल पर अगला video लेकर आऊंगा। तब तक के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और हमारे साथ जुड़े रहें।

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